Rumored Buzz on Shodashi
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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं
ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।
यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।
The supremely lovely Shodashi is united in the heart with the infinite consciousness of Shiva. She removes darkness and bestows light-weight.
ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति website जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।
हव्यैः कव्यैश्च सर्वैः श्रुतिचयविहितैः कर्मभिः कर्मशीला
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।
मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।
To the fifth auspicious day of Navaratri, the Lalita Panchami is celebrated given that the legends say that this was the day once the Goddess emerged from hearth to destroy the demon Bhandasura.
सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्
The Sadhana of Tripura Sundari is really a harmonious mixture of looking for satisfaction and striving for liberation, reflecting the twin areas of her divine nature.
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram